ग़ज़ल -मुलाक़ात होगी
-ग़ज़ल- मुलाकात होगी
जहां ज़िन्दगी में मुलाकात होगी।
हसीं ख्वाहिशों की भी बरसात होगी।।
पड़ा क्यों तू मजहब के चक्कर में नादां।
अगर है तू इंसा तो इक ज़ात होगी।।
जो होगी कशिश गर हमारी वफ़ा में।
कहीं न कहीं फिर मुलाका़त होगी।।
करेगा इबादत तो दिल से अगर तू।
फिर उसके करम की भी बरसात होगी।।
सजी है जो महफ़िल यहां अपनी “राना”।
तेरी शायरी में भी कुछ बात होगी।।
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© राजीव नामदेव “राना लिधौरी”,टीकमगढ़
संपादक “आकांक्षा” पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
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