ग़ज़ल :– बड़े चर्चे हैं राहों में !!
ग़ज़ल –: बड़े चर्चे हैं राहों मे !!
चहरा चाँद सा रोशन रौनक इन फिजाओं मे !
तेरी दिलकस अदाओं के बड़े चर्चे हैं राहों में !!
नशा ये मय का है या फिर रंगत हुस्न ने लाई !
दुनिया गुम सी लगती है नशीली इन निगाहों में !!
नहीं कोई चाह बाकी है ना तो परवाह जन्नत की !
आसरा मिल अगर जाये जुल्फों की पनाहों में !!
मुकम्मल हो ना हो गुल को बुलबुल की चहक प्यारी !
तराने छेड़ ही जाती बहकी इन हवाओं मे !!
कर के ईबादत लाख मन्नत हमनें भी माँगी !
जन्नत है कहीं शायद बस तेरी ही बाहों में !!
अनुज तिवारी “इन्दवार”