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16 Dec 2021 · 1 min read

ग़ज़ल- दुआएं दीजिए

ग़ज़ल- दुआएं दीजिए-

चांदनी रात में ये हुस्न निखर जाने दो।
आज तो जुल्फ़ को शानो पे बिखर जाने दो।।

किसी की आह का होता है असर समझो उसे।
है बेगुनाह सताना नहीं घर जाने दो।।

पास आयेंगे मसर्रत के भी लम्हात कभी।
है बुरा वक्त अभी इसको गुज़र जाने दो।।

हूं मुरीद आपका मुझपे भी करम हो जाये।
इक नज़र डाल दो झोली मेरी भर जाने दो।।

क्या करोगे यहां तुम आके भला अय ‘राना’।
यही है हादसों का एक शहर जाने दो।।
***

© राजीव नामदेव “राना लिधौरी”,टीकमगढ़
संपादक-“आकांक्षा” हिंदी पत्रिका
संपादक- ‘अनुश्रुति’ बुंदेली पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
मोबाइल- 9893520965
Email – ranalidhori@gmail.com
Blog-rajeevranalidhori.blogspot.com
*( राना का नज़राना (ग़ज़ल संग्रह-2015)- राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ के ग़ज़ल-50, पेज-58 से साभार

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