ग़ज़ल- दिल के अंदर मिलेगा- राना लिधौरी
ग़ज़ल -दिल के अंदर मिलेगा
न गिरजा न मस्जिद न मंदिर मिलेगा।
न ढ़ूढ़ों उसे दिल के अंदर मिलेगा।।
तुम इक दरिया सा बहकर तो देखो।
तुम्हें भी किसी दिन समंदर मिलेगा।।
क्यों नेता में इंसान को ढूंड़ते हो।
वहां पर कलाबाज बंदर मिलेगा।।
करो खूब कोशिशें न पीछे हटो तुम।
परिणाम उसका फिर सुंदर मिलेगा।।
सच लिखने से ‘राना’ न चूके कभी।
कवि हर जगह पर कलंदर मिलेगा।।
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© राजीव नामदेव “राना लिधौरी”,टीकमगढ़
संपादक-“आकांक्षा” हिंदी पत्रिका
संपादक- ‘अनुश्रुति’ बुंदेली पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
मोबाइल- 9893520965
Email – ranalidhori@gmail.com
Blog-rajeevranalidhori.blogspot.com
*( राना का नज़राना (ग़ज़ल संग्रह-2015)- राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ के ग़ज़ल-49, पेज-57 से साभार