ग़ज़ल :– तुमने जीवन उपहार दिया !!
ग़ज़ल :-तुमने जीवन उपहार दिया !!
गज़लकार :- अनुज तिवारी ” इन्दवार ”
तहस-नहस कर डाला था दिल को उठते तूफानो ने !
समा जलाकर इस दिल पे तूने मुझपे उपकार किया !!
मै डूब रहा मझधारे पे मुश्किल से भरे किनारे थे !
आगोश मे भर के मुझको अपनी बाँहों का हार दिया !!
दौलत की अंधी ये दुनिया यहाँ किसी की सगी नही !
तोड़ जमाने की रस्मे तुमने मुझसे दीदार किया !!
साँस मे हिम्मत भर कर उम्मीद जगा दी जीने की !
जब तड़फ रहा था जीने को , तुमने जीवन उपहार दिया !!