ग़ज़ल : …… तुमको लुभाता कौन है !
….. तुमको लुभाता कौन है !
2122 2122 212
मर्द का घर फिर बसाता कौन है ।।
छोड़कर तुमको लुभाता कौन है ।।
प्यार माँ का है जगत ये जानता,,
माँ लुटाती जो लुटाता कौन है ।।
जिस तरह बापू पिसा जाता यहाँ,,
उस तरह का गम उठाता कौन है ।।
भाउ का है स्नेह बहना के लिए,,
भाय के जैसा निभाता कौन है ।।
दु:ख में पत्नी बड़ी है काम की,,
संगिनी-सा दिल रिझाता कौन है ।।
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दिनेश एल० “जैहिंद”
21. 09. 2017