Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Dec 2021 · 1 min read

ग़ज़ल : ( एक अगली ग़ज़ल में…. )

ग़ज़ल : ( एक अगली ग़ज़ल में…. )
??????????

एक अगली ग़ज़ल में सारी बातें कह जाता ।
कहने को उससे आगे कुछ भी न रह जाता ।।

उनकी ओर से गर कुछ संकेत मिली होती ।
तो मैं भावनाओं के समुंदर में ही बह जाता ।।

करने को तो महीनों भर इंतज़ार कर लूंगा ।
पर कदाचित् मेरे पक्ष में वो कुछ कह जाता ।।

शुक्र है कि सारी गलतियाॅं माफ़ कर दी उसने ।
वरना जो भी सजा मिलती, चुपचाप सह जाता ।।

किस्मत मेहरबान थी ‘अजित’ तुझपे अभी तक ।
वरना ये छोटा सा महल तेरा कब का ढह जाता ।।

स्वरचित एवं मौलिक ।
सर्वाधिकार सुरक्षित ।
अजित कुमार “कर्ण” ✍️✍️
किशनगंज ( बिहार )
दिनांक : 08 दिसंबर, 2021.
“”””””””””””””””””””””””””””””””””
?????????

6 Likes · 2 Comments · 603 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
तूं कैसे नज़र अंदाज़ कर देती हों दिखा कर जाना
तूं कैसे नज़र अंदाज़ कर देती हों दिखा कर जाना
Keshav kishor Kumar
*सत्संग शिरोमणि रवींद्र भूषण गर्ग*
*सत्संग शिरोमणि रवींद्र भूषण गर्ग*
Ravi Prakash
😢महाराज😢
😢महाराज😢
*प्रणय*
*सो जा मुन्ना निंदिया रानी आई*
*सो जा मुन्ना निंदिया रानी आई*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
रात अज़ब जो स्वप्न था देखा।।
रात अज़ब जो स्वप्न था देखा।।
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
🌹मेरी इश्क सल्तनत 🌹
🌹मेरी इश्क सल्तनत 🌹
साहित्य गौरव
तू  फितरत ए  शैतां से कुछ जुदा तो नहीं है
तू फितरत ए शैतां से कुछ जुदा तो नहीं है
Dr Tabassum Jahan
गुरूर  ना  करो  ऐ  साहिब
गुरूर ना करो ऐ साहिब
Neelofar Khan
"YOU ARE GOOD" से शुरू हुई मोहब्बत "YOU
nagarsumit326
dr arun kumar shastri
dr arun kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
वीर जवान --
वीर जवान --
Seema Garg
कैसे मंजर दिखा गया,
कैसे मंजर दिखा गया,
sushil sarna
वर्दी (कविता)
वर्दी (कविता)
Indu Singh
काश ! ! !
काश ! ! !
Shaily
जीवन में सारा खेल, बस विचारों का है।
जीवन में सारा खेल, बस विचारों का है।
Shubham Pandey (S P)
कविता : आँसू
कविता : आँसू
Sushila joshi
सुप्रभात!
सुप्रभात!
Sonam Puneet Dubey
तुझसे उम्मीद की ज़रूरत में ,
तुझसे उम्मीद की ज़रूरत में ,
Dr fauzia Naseem shad
We are not meant to stay the same. We are meant to grow and
We are not meant to stay the same. We are meant to grow and
पूर्वार्थ
नाकाम मुहब्बत
नाकाम मुहब्बत
Shekhar Chandra Mitra
दैनिक आर्यवर्त केसरी, अमरोहा
दैनिक आर्यवर्त केसरी, अमरोहा
Harminder Kaur
मिट्टी है अनमोल
मिट्टी है अनमोल
surenderpal vaidya
जो लोग धन धान्य से संपन्न सामाजिक स्तर पर बड़े होते है अक्सर
जो लोग धन धान्य से संपन्न सामाजिक स्तर पर बड़े होते है अक्सर
Rj Anand Prajapati
" सितम "
Dr. Kishan tandon kranti
3737.💐 *पूर्णिका* 💐
3737.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
एक दिवाली ऐसी भी।
एक दिवाली ऐसी भी।
Manisha Manjari
खामोश किताबें
खामोश किताबें
Madhu Shah
प्रिय
प्रिय
The_dk_poetry
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
आज, नदी क्यों इतना उदास है.....?
आज, नदी क्यों इतना उदास है.....?
VEDANTA PATEL
Loading...