ग़ज़ल – इश्क़ है
दरिया का तूफान इश्क है
जिसमें एक इंसान इश्क है
कोई न जाने कब क्या होगा
ख़ुद से भी अनजान इश्क है
ना समझो आसान इश्क है
समझो तो नादान इश्क है
हर चाहत का इससे रुतबा
हर दिल का अरमान इश्क है
आँखों के पानी से धुलकर
होठों की मुस्कान है इश्क है
नाम उसी का जहां में रहता
इश्क पे जो कुर्बान इश्क है
जां बन करके सभी में रहता
वहीं ख़ुदा भगवान इश्क है