Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Aug 2021 · 1 min read

ग़जल- “याद आते नहीं”(राना लिधौरी, टीकमगढ़)

ग़जल- याद भी आते नहीं

मुस्कुराते होंठ कह पाते नहीं ‌।
बात उनकी हम समझ पाते नहीं।।

मेहनतकशी से जो भी घबराते नहीं।
मात भी वो फिर कभी खाते नहीं।।

हम विदेशी कोच रखकर भी यहां।
मैच फिर भी जीत क्यों पाते नहीं।।

कैसे जनता ने जिताया था तुम्हें।
अपने वादे याद क्यों आते नहीं।।

प्यार करना है तो फिर उससे करो।
‘राना’ तुम उसको समझा पाते नहीं।।
***
© राजीव नामदेव “राना लिधौरी”,टीकमगढ़
संपादक “आकांक्षा” पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
मोबाइल- 9893520965
Email – ranalidhori@gmail.com
Blog-rajeevranalidhori.blogspot.com
*( राना का नज़राना (ग़ज़ल संग्रह-2015)- राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ के ग़ज़ल-39,पेज-47 से साभार

192 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
View all
You may also like:
गज़ल सी रचना
गज़ल सी रचना
Kanchan Khanna
2554.पूर्णिका
2554.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
बेरूख़ी के मार से गुलिस्ताँ बंजर होते गए,
बेरूख़ी के मार से गुलिस्ताँ बंजर होते गए,
_सुलेखा.
हम जो कहेंगे-सच कहेंगे
हम जो कहेंगे-सच कहेंगे
Shekhar Chandra Mitra
जिसका मिज़ाज़ सच में, हर एक से जुदा है,
जिसका मिज़ाज़ सच में, हर एक से जुदा है,
महेश चन्द्र त्रिपाठी
खुदा कि दोस्ती
खुदा कि दोस्ती
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
हनुमान बनना चाहूॅंगा
हनुमान बनना चाहूॅंगा
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
कोशिश न करना
कोशिश न करना
surenderpal vaidya
स्वर्ण दलों से पुष्प की,
स्वर्ण दलों से पुष्प की,
sushil sarna
पहले नाराज़ किया फिर वो मनाने आए।
पहले नाराज़ किया फिर वो मनाने आए।
सत्य कुमार प्रेमी
कृष्ण भक्ति
कृष्ण भक्ति
लक्ष्मी सिंह
मैं तो महज प्रेमिका हूँ
मैं तो महज प्रेमिका हूँ
VINOD CHAUHAN
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
!! एक ख्याल !!
!! एक ख्याल !!
Swara Kumari arya
मैं लिखूं अपनी विरह वेदना।
मैं लिखूं अपनी विरह वेदना।
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
Mannato ka silsila , abhi jari hai, ruka nahi
Mannato ka silsila , abhi jari hai, ruka nahi
Sakshi Tripathi
छह दोहे
छह दोहे
Ravi Prakash
वैसे तो चाय पीने का मुझे कोई शौक नहीं
वैसे तो चाय पीने का मुझे कोई शौक नहीं
Sonam Puneet Dubey
जंग तो दिमाग से जीती जा सकती है......
जंग तो दिमाग से जीती जा सकती है......
shabina. Naaz
"अहा जिन्दगी"
Dr. Kishan tandon kranti
- अपनो का दर्द सहते सहनशील हो गए हम -
- अपनो का दर्द सहते सहनशील हो गए हम -
bharat gehlot
सच्चे प्रेम का कोई विकल्प नहीं होता.
सच्चे प्रेम का कोई विकल्प नहीं होता.
शेखर सिंह
माज़ी में जनाब ग़ालिब नज़र आएगा
माज़ी में जनाब ग़ालिब नज़र आएगा
Atul "Krishn"
पितृ दिवस ( father's day)
पितृ दिवस ( father's day)
Suryakant Dwivedi
माँ सुहाग का रक्षक बाल 🙏
माँ सुहाग का रक्षक बाल 🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
थोड़ा प्रयास कर समस्या का समाधान स्वयं ढ़ुंढ़ लेने से समस्या
थोड़ा प्रयास कर समस्या का समाधान स्वयं ढ़ुंढ़ लेने से समस्या
Paras Nath Jha
ग़रीब
ग़रीब
Artist Sudhir Singh (सुधीरा)
ज़िंदगी क्या है ?
ज़िंदगी क्या है ?
Dr fauzia Naseem shad
बस तुम हो और परछाई तुम्हारी, फिर भी जीना पड़ता है
बस तुम हो और परछाई तुम्हारी, फिर भी जीना पड़ता है
पूर्वार्थ
धर्म पर हंसते ही हो या फिर धर्म का सार भी जानते हो,
धर्म पर हंसते ही हो या फिर धर्म का सार भी जानते हो,
Anamika Tiwari 'annpurna '
Loading...