ग़जब सा सिलसला तेरी साँसों का
ग़जब सा सिलसला तेरी साँसों का
हुस्न से परे जिस्म कि इबादतो का
मे दूर रहकर भी महसूस करता हु
तेरे साथ गुजारी हुई उन रातों को
गजब दरियाँ है तेरी उन आँखों मे
झूला रहता हु मे तेरी मदहोस बांहो मे
दो कदम भी नही बड़ते तेरे बिन मुझसे
ग़जब सी उल्फत है तेरे किये वादो मे
होश मे आकर फिर मदहोश हो जाता हु
सपनो मे तेरी तस्वीर आते ही रातों मे