गहरे घाव (चौपाई)
** गहरे घाव (चौपाई) **
*********************
घाव मिले जो तन पर भारी
देता बन कर अत्याचारी
मरहम पट्टी युक्ति सेवन से
घाव चोट का उबरे झट से
घाव मिले जो मन पर भारी
नासूर बने हो दिल भारी
विश्वासघाती यार गद्दारी
वार करे जब सूरत प्यारी
सीने पर चल जाए आरी
प्रहार करे नैन कटारी
जब तक रहे ये जिन्दगानी
घाव भरे ना दिल का सानी
उम्र भर यह टीसता जाए
जीवन भर है जो तड़फाए
जब है शीत हवा चल जाए
घाव दिया जो बहुत सताए
आँखों में आँसू भर जाएं
झरने से झट बहते जाएं
बेवफा प्रेमी को याद करें
घने घाव होते हरे भरे
होते बहुत बड़े बदकिस्मत
प्रेम नहींं है उनकी किस्मत
घावों संग हैं जीवन जीते
यादों में हैं जीते मरते
ये डंक प्रेमी सौगात मड़े
वेदना पीड़ा जो संग जड़े
सुखविंद्र मन से बड़ा भारी
दिल के घाव हैं बड़े भारी
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)