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12 Aug 2021 · 1 min read

गलत खुशफहमियों के साये

✒️?जीवन की पाठशाला ??️

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की व्यक्ति को क्रोध आने पर सामने वाले पर क्रोध उत्तारने के लिए जितनी ताकत लगानी पड़ती है उससे कई गुना ताकत अपने क्रोध को पीने के लिए लगानी पड़ती है…,

जीवन चक्र के इस सफर में कहीं पढ़ा था की इंसान सही हो तो संग साथ में गरीबी भी ख़ुशी ख़ुशी कट जाती है ,गर इंसान गलत हो तो अमीरी भी चुभन लगती है पर वक़्त ने सिखाया की ये सब कहने की बात है पैसा पास नहीं हो तो सारे रिश्ते बेमानी हो जाते हैं …,

जीवन चक्र के इस सफर में एक दिन मैं तसल्ली से आइने के सामने बैठ गया और उससे दरख्वाहस्त की मेरे बारे में सब कुछ बताने की ,यकीन मानिये जितना अंदर तक वो उतरता गया मैं कपडे पहने होते हुए भी निवस्त्र सा होता गया ,मेरे बारे में मेरी सारी गलतफहमियां दूर हो गयी …,

आखिर में एक ही बात समझ आई की बीता हुआ वक़्त कभी लौट कर नहीं आता ,हाँ -कभी कभी आँखों में नमी ला देता है और अक्सर ये सोचने पर मजबूर कर देता है की मैं भी कितनी गलत खुशफहमियों के साये में जी रहा था …!

बाक़ी कल , अपनी दुआओं में याद रखियेगा ?सावधान रहिये-सुरक्षित रहिये ,अपना और अपनों का ध्यान रखिये ,संकट अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क ? है जरुरी …!
?सुप्रभात?
स्वरचित एवं स्वमौलिक
“?विकास शर्मा’शिवाया ‘”?
जयपुर-राजस्थान

Language: Hindi
Tag: लेख
225 Views
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