गलती
गलती (लघु कथा)
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वह स्मार्ट लड़की वाटस्प पर चैट कर रही थी। बन्दे ने बैग बर्थ के नीचे रखा .’ “हय ”. लड़की ने अनसुना , अनदेखा कर दिया। वह दूसरे सहयात्रियों से बात करने लगा। कुछ देर बाद उसने उसको कहते सुना। “ मैं भारतीय वायुसेना में हूँ। ” लड़की के कान खड़े हो गए ।
“ वायुसेना ..वॉव ..क्या हैं ? कहाँ है ?”
“ सार्जेंट हूँ . कमांडिंग ऑफीसर मराठा स्क्वाड्रन। ” वह गर्व से बोला।
वह चुप हो गयी और आईफोन पर फिर लग गयी।
” दम्भी , घमंडी। ” बन्दे ने सोचा।
बरोड़ा स्टेशन पर लोकल और वायुसेना पोलिस ने डब्बे को घेर लिया । उसके बैग कि तलाशी ली गयी। आरडीएक्स बरामद हुआ। वह भौंचका सा , हैरान परेशान पोलिस वालों के ग्रिफ्त में था।
“ मिस्टर, मैं निशा , स्क्वाड्रन लीडर निशा , 29 स्क्वाड्रन, भारतीय वायु सेना। हमेशा याद रखना सार्जेंट कभी कमांडिंग ऑफिसर नहीं होता और वायु सेना के स्क्वाड्रन अंकों से जाने जाते हैं , नाम से नहीं। ”
जेल में, उसके कानो में निशा की बात गूँज रही थी और वह सरहद पार के आकाओं और ट्रेनर्स को कोस रहा था।
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सर्वाधिकार सुरक्षित/त्रिभवन कौल