गलती औरों की गलत,लगे स्वयं की ठीक
गलती औरों की गलत,लगे स्वयं की ठीक ।
राजनीति की देश में, ये कैसी तकनीक ।
ये कैसी तकनीक, सभी को लगती प्यारी ।
समझ चुकी यह बात, देश की जनता सारी ।
हो जाता उत्पात, तुम्हारी जिव्हा चलती ।
माने हैं बेशर्म , कहाँ कब अपनी गलती ।।
रमेश शर्मा.