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18 Oct 2021 · 1 min read

गलतियाॅं कभी-कभी हो जाती हैं !

गलतियाॅं कभी-कभी हो जाती हैं !
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चाहे लाख कोशिशें आप कर लें….
हर दफा कितना भी सतर्क रह लें….
चित्त अपनी बिल्कुल एकाग्र कर लें…
स्वेच्छानुसार पूर्वाभ्यास भी कर लें….
पर गलतियाॅं कभी-कभी हो जाती हैं!!

मनुष्य का चित्त ही विचलित हो जाता है,
पथ उसका कभी दिग्भ्रमित हो जाता है ,
एकाग्रता उसकी कोई भंग कर जाता है ,
कभी प्राकृतिक घटना कोई घट जाता है,
जिससे मनुष्य अत्यंत ही घबरा जाता है!
और गलतियाॅं कुछ उससे हो जाती हैं !!

जो होना रहता है वह होकर ही रहता है ,
चाहे मनुष्य जितना भी प्रयास करता है ,
इसे कोई तक़दीर का दोष भी कहता है ,
और दोष इसका ईश्वर के मत्थे जड़ता है ,
परंतु होनी को नहीं कोई टाल सकता है…
इंसान भले ही सतत् प्रयत्नशील रहता है !
फिर भी गलतियाॅं कुछ उससे हो जाती हैं!!

हर काम आप अपना पूरे मन से ही करें…
जानबूझकर कोई ग़लती नहीं कभी करें…
हर नियम-कानून का पालन सदा ही करें…
अपने मन-मस्तिष्क को एकाग्र चित्त धरें…
पर आख़िर हैं इक साधारण इंसान ही न !
वैसे करना है बेझिझक अपना काम ही न !
पर नज़रों की थोड़ी चूक काम बिगाड़ देती हैं !
और यदा-कदा गलतियाॅं थोड़ी हो ही जाती हैं!!

स्वरचित एवं मौलिक ।
सर्वाधिकार सुरक्षित ।
अजित कुमार “कर्ण” ✍️✍️
किशनगंज ( बिहार )
दिनांक : 18 अक्टूबर, 2021.
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?????????

Language: Hindi
7 Likes · 6 Comments · 577 Views
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