गर हमको पता होता।
सितम पर सितम जिंदगी करती रही।
हम यही सोचकर जीते रहे कि ये आखिरी होगा।।
सांसों को हम राहत दे देते पहले ही।
गर हमको पता होता गमों से रिश्ता करीबी होगा।।
✍✍ताज मोहम्मद✍✍
सितम पर सितम जिंदगी करती रही।
हम यही सोचकर जीते रहे कि ये आखिरी होगा।।
सांसों को हम राहत दे देते पहले ही।
गर हमको पता होता गमों से रिश्ता करीबी होगा।।
✍✍ताज मोहम्मद✍✍