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14 Dec 2019 · 1 min read

गर्लफ्रैंड भेंट चढ़ी मेरी प्यारी न्यारी मूँछ

बड़े शोक से पाली थी मैंने अपनी मूँछ
गर्लफ्रैंड भेंट चढ़ी मेरी प्यारी न्यारी मूँछ

बाल्यकाल बाद आई थी रंगीन जवानी
भूरी भूरी उभरी थी मेरे होठों ऊपर मूँछ

हाथों से मरोड़ी देता मैं अपनी मूँछों को
आइना ले कर बैठा रहता संवारता मूँछ

पतली सी धार दार बनाई थी मैंने मूँछें
काले काजल सी चमके थी काली मूँछ

चेहरा मेरा रौबदार था घनी मूँछों के संग
फौजदार सी बहुत रौबदार थी मेरी मूँछ

मूँछों को देखकर दंग हर कोई रह जाता
चढती जवानी की शुरुआत थी मेरी मूँछ

मूँछ तान कर चलता था मैं तो सरेआम
आन- बान और मान-शान थी मेरी मूँछ

कलम कटाई मूँछों से था चेहरा रंगीला
कालू नाई से बनवाई थी मेरी सुंदर मूँछ

बहुत सुंदर लड़की आई मेरे जीवन में
गर्लफ्रैंड वो बनी,रखी शर्त कटाओ मूँछ

अनख गई पल में सारी कटाई सुंदर मूँछ
सुंदरी की सुंदरता भेंट चढ़ी थी सुंदर मूँछ

बड़े शोक से पाली थी मैंने अपनी मूँछ
गर्लफ्रैंड भेंट चढ़ी मेरी प्यारी न्यारी मूँछ

-सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)
9896872258

Language: Hindi
208 Views
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