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22 Feb 2022 · 1 min read

गर्मी

गर्मी जब भी आती है। मुझको बहुत सताती है। ऊपर सूरज तपता है। धरती सूखी जाती है।
पेड़ और पौधे शान्त खड़े हैं।
नहीं किसी से बात करें हैं ‌।
पशु पंछी भी हैं परेशान ।
गर्मी से हुआ इनका बुरा हाल। हे ईश्वर दो हम पे ध्यान । हम हैं बालक तेरे नादान ।

लेखक – रूबी शुक्ला

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