गर्मी: (कुण्डलिया छंद)
गर्मी जब है बढ़ रही, सतुआ खायें रोज।
सुबह शाम या रात को,पियें छाँछ को खोज।
पियें छाँछ को खोज,पियें मटका का पानी।
अमृत जस है बेल, लिजें नीबू को छानी।
कहे सलाह अशोक, गूड़ रस देती नरमी।
गन्ना संग पुदीना रस, कम करती है गर्मी।
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अशोक शर्मा, कुशीनगर ,उ. प्र.