गर्मी की छुट्टियां
गर्मी की छुट्टी लगते ही ,
बच्चों का मन निखर गया।
मानो सारा आसमान ही,
पुष्प गंध सा बिखर गया।।1।।
अब कक्षा का बोझ नहीं,
कुछ दिन का आराम मिला।
मिलते ही अवकाश सूचना,
बच्चों के मन पुष्प खिला।।2।।
अब बच्चे खुशी खुशी हो,
नाना नानी के घर जायेंगे।
आम खटाई और दुधमलाई
सब बड़े चाव से खायेंगे।।3।।
कक्षा लेखन गृहकार्य सब,
कुछ दिन हुआ पुराना सा।
देखा जब नानी का आंगन,
सबकुछ लगा सुहाना सा।।4।।
स्वरचित कविता
तरुण सिंह पवार