*गरमी का मौसम बुरा, खाना तनिक न धूप (कुंडलिया)*
गरमी का मौसम बुरा, खाना तनिक न धूप (कुंडलिया)
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गरमी का मौसम बुरा, खाना तनिक न धूप
तेज धूप यदि लग गई, बिगड़ेगा सब रूप
बिगड़ेगा सब रूप, छॉंव में रहो दुपहरी
गन्ने का रस वाह, ग्रीष्म में समझो प्रहरी
कहते रवि कविराय, जहॉं भी पाओ नरमी
रहो वहीं दिन-रात, हराओ भीषण गरमी
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रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451