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29 Oct 2024 · 1 min read

गर्दिश -ए – वक़्त ने बदल डाला ,

गर्दिश -ए – वक़्त ने बदल डाला ,
मुझमें मुझसा अब कुछ नहीं बाक़ी ।
डाॅ फ़ौज़िया नसीम शाद

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