गर्त में था तो सांत्वना थी सहानुभूति थी अपनो की
गर्त में था तो सांत्वना थी सहानुभूति थी अपनो की
मन में गुबार था कि सभी साथ हैं मेरे
जरा सी उबरने की कोशिश की तो आज मंजर ये है
खुदा तो रूठा था अपने भी खफा हो बैठे
गर्त में था तो सांत्वना थी सहानुभूति थी अपनो की
मन में गुबार था कि सभी साथ हैं मेरे
जरा सी उबरने की कोशिश की तो आज मंजर ये है
खुदा तो रूठा था अपने भी खफा हो बैठे