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16 Dec 2017 · 1 min read

गरीब और मौसम

सर पर जिनके छत नहीं, फूटे हुऐ नसीब
ऐसे ही मिल जाएंगे, कितने यहां गरीब
कितने यहां गरीब, फ़टे हैं तन के कपड़े
और मारकर भूख ,पड़े रहते हैं अकड़े
इन्हें सताती ठंड , कभी गर्मी पड़ पड़ कर
मौसम की ये मार, झेलते रहते सर पर
डॉ अर्चना गुप्ता

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