गरीबी
ग़रीबी ना शर्मीली होती हैं ना बेशर्म।
बड़ी संख्या में गरीबी होना इस देश की व्यवस्था का परिणाम है।
आर्थिक असमानता इस देश में जान बूझकर बनाई गई है,
इसमें कोई ईश्वर का हाथ नहीं है, यहां के तथा कथित अपने आप को श्रेष्ठ मानने वाले लोगो की बहुत बड़ी साजिश का नतीज़ा है ये, जानबूझकर बड़ी संख्या में लोगों को आर्थिक तकलीफे सहने के लिए वैसी व्यवस्था बनाई गई है।
दिन प्रतिदिन अमीर औऱ अमीर, गरीब और गरीब होते जा रहें हैं।
संविधान को सही तरिके से लागू करेंगे तो यहां की आर्थिक असमानता को खत्म किया जा सकता है। ये सब नेताओं द्वारा सोची समझी साजिश है ।जिससे गरीब का जीवन अब नरक बनते जा रहा है ।इस खाई को मानवतावाद की राजनीति द्वारा पाटा जा सकता है ।ताकि सब धर्म समभाव और वसुधेव कुटुम्बकम् का वाक्य चरितार्थ हो सके। अफसोस इस बात की है कि आजादी के 74वर्ष बाद भी हमारे क्रांतिकारी, स्वतंत्रता सेनानीओं का इच्छा कोई भी सरकार नहीं पुरा की ।अंग्रेजी शासक की तरह फूट डालो और राज करो की नीति अपना कर आर्थिक खाई बढाते चली आ रही है ।
गरीबी नाम की अभिशाप को मिटाना हम सब की जिम्मेदारी है ।
आओ मिलकर कदम बढायें।
शिक्षा की अलख जलाकर इसे हम दुर करें।
#किसानपुत्री_शोभा_यादव