गरीबी
जीवन की है वह अवस्था,
जीवन की एक अवस्था।
उससे बदत्तर कुछ नहीं है,
जीवन की वही दुरावस्था।
गरीबी हरपल मारती है,
विकट स्थितियाँ लाती है।
क्या है करवाती जीवन में,
गरीबी जीते जी मारती है।।
कौन अपना हो गरीबी में,
सब पराये है बदनसीबी में।
क्या-क्या कराया गरीबी ने,
बुरा हाल बनाया गरीबी ने।।
‘पृथ्वीसिंह’ क्या गरीब का,
वह मजाक बदनसीब का।
गरीब घर, गरीब परिवार,
कब है सम्मान गरीब का।।