Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Aug 2024 · 1 min read

गरीबी पर लिखे अशआर

सारे इलज़ाम इसके माथे पर ,
मुफ़लिसी बे’ गुनाह नहीं होती ।

कोई हमदर्द हो गरीबी का ,
कोई सिल दे लिबास गुरबत का ।

वो हक़ीक़त पसंद होती है ,
मुफ़लिसी ख़्वाब थोड़ी देखेगी ।

राहतें ज़िंदगी को मिल जाती ,
भूख बे’हिस अगर नहीं होती ।

बात अच्छी है बस अमीरी की ,
तुम गरीबी का ज़िक्र मत करना ।

कोई गुरबत समझ नहीं सकता,
भूख हिम्मत निचोड़ देती है ।
डाॅ○फ़ौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
Tag: शेर
2 Likes · 61 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all
You may also like:
मां महागौरी
मां महागौरी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
नया
नया
Neeraj Agarwal
प्रेम परिवर्तन के ओर ले जाता है, क्रोध प्रतिशोध के ओर, दोनों
प्रेम परिवर्तन के ओर ले जाता है, क्रोध प्रतिशोध के ओर, दोनों
Ravikesh Jha
प्रेम सदा निष्काम का ,
प्रेम सदा निष्काम का ,
sushil sarna
है नसीब अपना अपना-अपना
है नसीब अपना अपना-अपना
VINOD CHAUHAN
*एक शपथ*
*एक शपथ*
*प्रणय*
*साम्ब षट्पदी---*
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
कभी हमसे पुछिए
कभी हमसे पुछिए
Vivek saswat Shukla
4360.*पूर्णिका*
4360.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
तेरे दिदार
तेरे दिदार
SHAMA PARVEEN
क्या पता मैं शून्य न हो जाऊं
क्या पता मैं शून्य न हो जाऊं
The_dk_poetry
समझो साँसो में तेरी सिर्फ मैं हूँ बसाँ..!!
समझो साँसो में तेरी सिर्फ मैं हूँ बसाँ..!!
Ravi Betulwala
तू अब खुद से प्यार कर
तू अब खुद से प्यार कर
gurudeenverma198
लू गर्मी में चलना, आफ़त लगता है।
लू गर्मी में चलना, आफ़त लगता है।
सत्य कुमार प्रेमी
बच्चें और गर्मी के मज़े
बच्चें और गर्मी के मज़े
अमित
गमों के साथ इस सफर में, मेरा जीना भी मुश्किल है
गमों के साथ इस सफर में, मेरा जीना भी मुश्किल है
Kumar lalit
गुस्सा  क़ाबू  जो  कर  नहीं  पाये,
गुस्सा क़ाबू जो कर नहीं पाये,
Dr fauzia Naseem shad
चाहे कितने भी मतभेद हो जाए फिर भी साथ बैठकर जो विवाद को समाप
चाहे कितने भी मतभेद हो जाए फिर भी साथ बैठकर जो विवाद को समाप
Ranjeet kumar patre
राम और कृष्ण
राम और कृष्ण
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
धैर्य और साहस
धैर्य और साहस
ओंकार मिश्र
Why Doesn't mind listen?
Why Doesn't mind listen?
Bindesh kumar jha
शिव शंभू भोला भंडारी !
शिव शंभू भोला भंडारी !
Bodhisatva kastooriya
हिंदी दोहा-कालनेमि
हिंदी दोहा-कालनेमि
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
वह फिर से छोड़ गया है मुझे.....जिसने किसी और      को छोड़कर
वह फिर से छोड़ गया है मुझे.....जिसने किसी और को छोड़कर
Rakesh Singh
नव प्रस्तारित छंद -- हरेम्ब
नव प्रस्तारित छंद -- हरेम्ब
Sushila joshi
About your heart
About your heart
Bidyadhar Mantry
" सोचो "
Dr. Kishan tandon kranti
मतलबी नहीं हूँ
मतलबी नहीं हूँ
हिमांशु Kulshrestha
जुदाई की शाम
जुदाई की शाम
Shekhar Chandra Mitra
Loading...