गरीबाई की पीड़ा….
कितना बोझ वहन करते हैं गरीब लोग,
पेट की भूख मिटाने को…!..!
पैर में न हैं चप्पल,
तन भी हैं खुला खुला….!..!
नैनो में हैं दर्द छुपा…!..!
बताती हैं चैहरे की हया,
होंठो पे सझते हैं अल्फ़ाज़ भारी….पर….
मनवाँ करता हैं मना….!!..!
यहाँ कोई नहीं समझेंगा गरीबाई की पीड़ा….!!!!