गरम छरिया छुईं रउरा
ग़ज़ल
गरम छरिया छुईं रउरा
तs छरि दागी कि ना दागी ?
सुनी सत्संग तब मन राम
में लगी कि ना लागी ?
धरीं बइसाख में जो फूस पर
जीयतार चिनगारी ,
कहीं रउरे तहाँ आगी
भला लागी कि ना लागी ?
फुहरई गीत आर्केस्ट्रा ,
सुनी देखी धिया जेकर ,
त कवनो अजनबी का साथ
ऊ भागी कि ना भागी ?
उढ़रि बेटी गइल जेकर
कही का लोग ओकराके ,
कहीं कुल में तहाँ दागी ,
भला लागी कि ना लगी ?
हिया से हम सुनवनी हँs,
जवन ऊ आप सुननी हँs,
इहो सुनिके हमन में जोश
कुछ जागी कि ना जागी ?
भईल बा कोढ़ भाषा में जवान ,
अश्लील गितियन से ,
सुनल तेजो सभे अवधू
तs ऊ भागी कि ना भागी ?
अवध किशोर ‘अवधू’
मो.न.9918854285