गम हो या हो खुशी।
गम हो या हो खुशी,
अपना तो कुछ भी है ही नही।
ऐ जिंदगी तू ही बता,
तू क्यों मुझ में बदलती नही।।
यूं लाख कोशिशे की,
पर यादें उनकी भूलती नही।
धड़के यह दिल कैसे,
उस बिन सांसे चलती नही।।
हालात सुधरते नही,
जिन्दगी तू भी संवरती नहीं।
यूं किससे क्या कहें,
कहीं से उम्मीद मिलती नहीं।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ