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14 Dec 2022 · 1 min read

गम सहने की आदत है

गम सहने की आदत है
*******************

गम सहने की आदत है,
चुप रहने की आदत है।

लब को कैसे मैं रोकूँ,
कुछ कहने की आदत है।

आँखों में झलके पानी,
अश्रु बहने की आदत है।

साथी मिलता ना राहों में
यूँ चलने की आदत है।

कोई कुछ भी ना कहता
बस डरने की आदत है।

मन चाहत ना जीने की,
अब मरने की आदत है।

वश में पल में मनसीरत,
झट हरने की आदत है।
******************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

Language: Hindi
140 Views
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