गम नही
मुझे गम नही किसी के जाने का
ओर नही चाहिए सफाई कोई
गर खले कभी भी कमी मेरी
आ कर मिले मुझे उसी हक से ।
जहां बातो मे भी अपनापन था ।
हां इक कमी है मुझमे
मै पुरानी बातो को भूला देता हूॅ ।
मै खुद मे ही मस्त रहता हूॅ ।
यादे जब सताने लगे
पन्नो पर उतार देता हूॅ ।
मुझे गम नही किसी के जाने का
खुद को हर हाल मे खुश रखता हूॅ।