Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Feb 2023 · 1 min read

गम के बादल गये, आया मधुमास है।

गीत

गम के बादल गये, आया मधुमास है,
फिर ये चुपचाप रहने से क्या फायदा।
रंग औ’र अंग अब तो लगाओ प्रिये,
ऐसे होली मनाने से क्या फायदा। ……….गम के बादल

तुमसे ही मेरा तन मन हृदय जान है।
बीते सालों में देखी न मुस्कान है।
तुम जो मुस्काओगी फूल खिल जायेंगे।
फूलों पर फिर से भौंरे मचल जायेंगे।
आ गई है बसंती बहारें यहां,
फिर खिजां को बुलाने से क्या फायदा।…..गम के बादल गये

तीज त्यौहार खुशियों को खोया बहुत।
खो के मुस्कान बच्चों की रोया बहुत।
कितनी जिद से खिलौने मंगाए थे जो,
अब तलक भी कहां खेल पाए हैं वो।
खेलने दो सभी को ये दिल खोलकर,
रंग में भंग करने से क्या फायदा।……….गम के बादल गये

ठंडी ठंडी बसंती पवन चल रही।
गंध मादक हृदय को विकल कर रही‌।
अब तो मुमकिन न होगा ये रूकना मेरा।
लो ये तन मन हृदय रॅंग दिया सब तेरा।
रॅंग दिए गाल ‘प्रेमी’ गुलाबी तेरे।
बिन रॅंगे घर भी जाने से क्या फायदा।….गम के बादल गये

…….✍️ सत्य कुमार प्रेमी
स्वरचित एवं मौलिक।

Language: Hindi
Tag: गीत
231 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सत्य कुमार प्रेमी
View all
You may also like:
गैरों से कोई नाराजगी नहीं
गैरों से कोई नाराजगी नहीं
Harminder Kaur
अल्फाज (कविता)
अल्फाज (कविता)
Monika Yadav (Rachina)
वो कैसा दौर था,ये कैसा दौर है
वो कैसा दौर था,ये कैसा दौर है
Keshav kishor Kumar
ज़माने की ख़राबी न देखो अपनी आंखों से,
ज़माने की ख़राबी न देखो अपनी आंखों से,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कुछ लोग कहते है की चलो मामला रफा दफ़ा हुआ।
कुछ लोग कहते है की चलो मामला रफा दफ़ा हुआ।
Ashwini sharma
दवाइयां जब महंगी हो जाती हैं, ग़रीब तब ताबीज पर यकीन करने लग
दवाइयां जब महंगी हो जाती हैं, ग़रीब तब ताबीज पर यकीन करने लग
Jogendar singh
आप पाएंगे सफलता प्यार से।
आप पाएंगे सफलता प्यार से।
सत्य कुमार प्रेमी
मानवता का है निशान ।
मानवता का है निशान ।
Buddha Prakash
दिल पे कब मेरा इख़्तियार रहा ।
दिल पे कब मेरा इख़्तियार रहा ।
Dr fauzia Naseem shad
" क्यों? "
Dr. Kishan tandon kranti
*
*"रोटी"*
Shashi kala vyas
"Success is Here inside
Nikita Gupta
दुर्लभ अब संसार में,
दुर्लभ अब संसार में,
sushil sarna
कलियुग में सतयुगी वचन लगभग अप्रासंगिक होते हैं।
कलियुग में सतयुगी वचन लगभग अप्रासंगिक होते हैं।
*प्रणय*
"चलो जी लें आज"
Radha Iyer Rads/राधा अय्यर 'कस्तूरी'
*सदियों से सुख-दुख के मौसम, इस धरती पर आते हैं (हिंदी गजल)*
*सदियों से सुख-दुख के मौसम, इस धरती पर आते हैं (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
ग्रहस्थी
ग्रहस्थी
Bodhisatva kastooriya
तुमको सोचकर जवाब दूंगा
तुमको सोचकर जवाब दूंगा
gurudeenverma198
मतिभ्रष्ट
मतिभ्रष्ट
Shyam Sundar Subramanian
"तुम नूतन इतिहास लिखो "
DrLakshman Jha Parimal
कुंडलिया
कुंडलिया
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
संसार एक जाल
संसार एक जाल
Mukesh Kumar Sonkar
हम तुमको अपने दिल में यूँ रखते हैं
हम तुमको अपने दिल में यूँ रखते हैं
Shweta Soni
नता गोता
नता गोता
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
आनंद जीवन को सुखद बनाता है
आनंद जीवन को सुखद बनाता है
Shravan singh
होली की आयी बहार।
होली की आयी बहार।
Anil Mishra Prahari
नये अमीर हो तुम
नये अमीर हो तुम
Shivkumar Bilagrami
सपनों का राजकुमार
सपनों का राजकुमार
Dr. Pradeep Kumar Sharma
मुझको मेरी लत लगी है!!!
मुझको मेरी लत लगी है!!!
सिद्धार्थ गोरखपुरी
भजन -आया श्याम बुलावा- अरविंद भारद्वाज
भजन -आया श्याम बुलावा- अरविंद भारद्वाज
अरविंद भारद्वाज
Loading...