गम के दरिया में न कूदो दोस्तों , ये वो दरिया है जहाँ तेजाब बहता है !
गम के दरिया में न कूदो दोस्तों ,
ये वो दरिया है जहाँ तेजाब बहता है !
ये भी माना है तुझे कुछ शौक मुश्किल झेलने का,
और ये मुश्किल भी तेरे झेलने को ही बनी है
किन्तु यह तो सोच इस गम से तुझे हासिल नहीं कुछ
इसलिए तज कर इसे नजरें झुकाकर देख तू अन्तः करण में,
शायद इसी दर में तेरा भगवान रहता है,
गम के दरिया में न कूदो दोस्तों ,
ये वो दरिया है जहाँ तेजाब बहता है !
ये भी माना है तुझे हासिल महारथ तैरने में
और तूने तैरने के हेतु वहु साधन जुटाए
किन्तु क्या इन साधनो में है कहीं स्थाईत्व संभव,
और फिर तेरे लिए ये जग प्रभु ने है बनाया
छोड़ दे नश्वर सभी इन साधनो को आज से तू
और प्रभु का भजन कर दे मेट भावी सब ग़मों को
क्यों व्यर्थ ये सब गम सुबह और शाम सहता है
गम के दरिया में न कूदो दोस्तों ,
ये वो दरिया है जहाँ तेजाब बहता है !
ये भी माना तू नहीं गम को बुलाता है कभी
और प्रभु को भी नहीं तू भूलता शामो सहर है
किन्तु गम चलती हुई सी एक मारुती की लहर है
किन्तु तेरा द्वार मानस का खुला जब छूट जाता ,
या कभी दुर्भाग्य से सौभाग्य तन्तुक टूट जाता
या कभी तेरे सितारे ग़र्दिशों में जा पहुंचते,
बस तभी तू जाग कर निशि और वासर
इन गमो को झेलता है
गम के दरिया में न कूदो दोस्तों ,
ये वो दरिया है जहाँ तेजाब बहता है !
ये भी माना नींद देती ताजगी तुझको अनोखी
और हर पल जागना तेरे लिए संभव नहीं है
किन्तु यदि तू सीख लेते जागना सोना समय से
और अपने ज्ञान चक्षु को जरा कुछ खोल पता
देखता तू काल के इस चक्र और आवागमन को
या कभी तू स्वप्न में ही देखता गीतोपदेशः
किन्तु अब मत खोलना निज द्वार गम के हेतु
तुझसे तेरा अनुराग कहता है
गम के दरिया में न कूदो दोस्तों ,
ये वो दरिया है जहाँ तेजाब बहता है !