गमछा जरूरी हs, जब गर्द होला
गमछा जरूरी हs, जब गर्द होला।
रजाई मजबूरी हs, जब शर्द होला।
जवानी त जवानी हs सभे गिरेला।
जे बुढ़ऊती में बिछिला, ऊ मर्द होला।।
गमछा जरूरी हs, जब गर्द होला।
रजाई मजबूरी हs, जब शर्द होला।
जवानी त जवानी हs सभे गिरेला।
जे बुढ़ऊती में बिछिला, ऊ मर्द होला।।