Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Mar 2017 · 1 min read

गदहे

गदहे,
अब मुख़्यधारा में आ रहे हैं.
वे रेंकने के बजाय,
फेंकने लगे हैँ.
गदहों का भोलापन,
उनके लदे होने का यथार्थ,
अब राजनीति का
नया अध्याय होगा,
सावधान!
गदहे,
अब मुख्यधारा में आ रहे हैं.
अब उनके सपनों को
पंख लगने लगे हैँ
और
वे लोकतंत्र के मंदिर में
अपनी बौद्धिक प्रवेश की भांति,
सशरीर पहुँचने
को आतुर हो रहे हैँ,
गदहे,
अब मुख्यधारा में आ रहे हैं.

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 483 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
View all
You may also like:
जन्म से
जन्म से
Santosh Shrivastava
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
Preschool Franchise in India - Alphabetz
Preschool Franchise in India - Alphabetz
Alphabetz
*सेब का बंटवारा*
*सेब का बंटवारा*
Dushyant Kumar
वो गुलशन सा बस बिखरता चला गया,
वो गुलशन सा बस बिखरता चला गया,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
शिव वन्दना
शिव वन्दना
Namita Gupta
नाम मौहब्बत का लेकर मेरी
नाम मौहब्बत का लेकर मेरी
Phool gufran
मां के किसी कोने में आज भी बचपन खेलता हैयाद आती है गुल्ली डं
मां के किसी कोने में आज भी बचपन खेलता हैयाद आती है गुल्ली डं
Ashwini sharma
सुना है सपनों की हाट लगी है , चलो कोई उम्मीद खरीदें,
सुना है सपनों की हाट लगी है , चलो कोई उम्मीद खरीदें,
Manju sagar
" नाखून "
Dr. Kishan tandon kranti
🤔🤔🤔समाज 🤔🤔🤔
🤔🤔🤔समाज 🤔🤔🤔
Slok maurya "umang"
मानते हो क्यों बुरा तुम , लिखे इस नाम को
मानते हो क्यों बुरा तुम , लिखे इस नाम को
gurudeenverma198
DR Arun Kumar shastri
DR Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
कलियों  से बनते फूल हैँ
कलियों से बनते फूल हैँ
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
कट्टर पंथ वो कोढ़ है जो अपने ही
कट्टर पंथ वो कोढ़ है जो अपने ही
Sonam Puneet Dubey
जागो, जगाओ नहीं
जागो, जगाओ नहीं
Sanjay ' शून्य'
प्यार मेरा तू ही तो है।
प्यार मेरा तू ही तो है।
Buddha Prakash
परिवार हमारा
परिवार हमारा
Suryakant Dwivedi
आज पलटे जो ख़्बाब के पन्ने - संदीप ठाकुर
आज पलटे जो ख़्बाब के पन्ने - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
पिछले पन्ने 9
पिछले पन्ने 9
Paras Nath Jha
*मरने से क्यों डरते हो तुम, यह तन नश्वर है माया है (राधेश्या
*मरने से क्यों डरते हो तुम, यह तन नश्वर है माया है (राधेश्या
Ravi Prakash
“विवादित साहित्यकार”
“विवादित साहित्यकार”
DrLakshman Jha Parimal
मुस्कुराहटों के मूल्य
मुस्कुराहटों के मूल्य
Saraswati Bajpai
तू जब भी साथ होती है तो मेरा ध्यान लगता है
तू जब भी साथ होती है तो मेरा ध्यान लगता है
Johnny Ahmed 'क़ैस'
निंदा वही लोग करते हैं, जिनमें आत्मविश्वास का
निंदा वही लोग करते हैं, जिनमें आत्मविश्वास का
Dr fauzia Naseem shad
3963.💐 *पूर्णिका* 💐
3963.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
ग़मों को रोज़ पीना पड़ता है,
ग़मों को रोज़ पीना पड़ता है,
Ajit Kumar "Karn"
🙅आज🙅
🙅आज🙅
*प्रणय*
कुछ लोगों का जीवन में रुकना या चले जाना सिर्फ किस्मत तय करती
कुछ लोगों का जीवन में रुकना या चले जाना सिर्फ किस्मत तय करती
पूर्वार्थ
Loading...