Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Mar 2022 · 1 min read

गत वर्ष से नववर्ष तक

सालों का सिलसिला चला
उठकर यादों का काफिला चला
‌ चूपचाप सूरज ढला
गुमशुम शाम हुई
सर्द रात सोई
सपनों का बादल पिघला
तुम बदले,हम बदले
हवा,धूप,माटी,नीर
सबमें नयापन है
इस कदर ये साल बदला

स्वरचित।।

Language: Hindi
2 Likes · 208 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
निष्काम कर्म कैसे करें। - रविकेश झा
निष्काम कर्म कैसे करें। - रविकेश झा
Ravikesh Jha
ख़्याल इसका कभी कोई
ख़्याल इसका कभी कोई
Dr fauzia Naseem shad
*बदल सकती है दुनिया*
*बदल सकती है दुनिया*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
सौंदर्य छटा🙏
सौंदर्य छटा🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
कभी किसी की किसी से खूब बनती है,
कभी किसी की किसी से खूब बनती है,
Ajit Kumar "Karn"
जब तक हम जीवित रहते हैं तो हम सबसे डरते हैं
जब तक हम जीवित रहते हैं तो हम सबसे डरते हैं
Sonam Puneet Dubey
*सो जा मुन्ना निंदिया रानी आई*
*सो जा मुन्ना निंदिया रानी आई*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मैं नहीं जानती
मैं नहीं जानती
भगवती पारीक 'मनु'
मैं बेबाक हूँ इसीलिए तो लोग चिढ़ते हैं
मैं बेबाक हूँ इसीलिए तो लोग चिढ़ते हैं
VINOD CHAUHAN
जो तेरे दिल में चल रहा है एक दिन बाहर तो जरूर आएगा।
जो तेरे दिल में चल रहा है एक दिन बाहर तो जरूर आएगा।
Rj Anand Prajapati
*हे शिव शंकर त्रिपुरारी,हर जगह तुम ही तुम हो*
*हे शिव शंकर त्रिपुरारी,हर जगह तुम ही तुम हो*
sudhir kumar
विचारों को पढ़ कर छोड़ देने से जीवन मे कोई बदलाव नही आता क्य
विचारों को पढ़ कर छोड़ देने से जीवन मे कोई बदलाव नही आता क्य
Rituraj shivem verma
कितना कुछ सहती है
कितना कुछ सहती है
Shweta Soni
भक्ति गाना
भक्ति गाना
Arghyadeep Chakraborty
4591.*पूर्णिका*
4591.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हमारा गुनाह सिर्फ यही है
हमारा गुनाह सिर्फ यही है
gurudeenverma198
कलयुग और महाभारत
कलयुग और महाभारत
Atul "Krishn"
*मॉं से बढ़कर शुभचिंतक इस, दुनिया में कोई मिला नहीं (राधेश्य
*मॉं से बढ़कर शुभचिंतक इस, दुनिया में कोई मिला नहीं (राधेश्य
Ravi Prakash
जख्मो से भी हमारा रिश्ता इस तरह पुराना था
जख्मो से भी हमारा रिश्ता इस तरह पुराना था
कवि दीपक बवेजा
#शीर्षक:-नमन-वंदन सब करते चलो।
#शीर्षक:-नमन-वंदन सब करते चलो।
Pratibha Pandey
हम से भी ज्यादा हमारे है
हम से भी ज्यादा हमारे है
नूरफातिमा खातून नूरी
बिखर गए ख़्वाब, ज़िंदगी बेमोल लूट गई,
बिखर गए ख़्वाब, ज़िंदगी बेमोल लूट गई,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
आज अचानक फिर वही,
आज अचानक फिर वही,
sushil sarna
Men are just like books. Many will judge the cover some will
Men are just like books. Many will judge the cover some will
पूर्वार्थ
मरने के बाद करेंगे आराम
मरने के बाद करेंगे आराम
Keshav kishor Kumar
■ और एक दिन ■
■ और एक दिन ■
*प्रणय*
वर्षा रानी
वर्षा रानी
Ranjeet kumar patre
गीत- न देखूँ तो मुझे देखे...
गीत- न देखूँ तो मुझे देखे...
आर.एस. 'प्रीतम'
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Tarun Singh Pawar
धोखा देना या मिलना एक कर्ज है
धोखा देना या मिलना एक कर्ज है
शेखर सिंह
Loading...