Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 May 2017 · 1 min read

गतिमान रहो

दो पल का ये नश्वर जीवन
हर पल इसको भरपूर जियो
तुम किस उलझन में ठहरे हो
गतिमान रहो, गतिमान रहो

रवि में गति है, शशि में गति है
पृथ्वी में गति, उड्गन में है
ध्वनि के संचालन में गति है
इन सूर्य रश्मियां में गति है
इस दिव्य जगत के कण कण में
गति ही सदैव परिलक्षित हो
तुम किस उलझन में ठहरे हो
गतिमान रहो, गतिमान रहो

गति जीवन में गति श्वासों में
गति हिरदय के स्पंदन में
गति रक्त शिराओं में भी है,
गति नाद स्वरों के गुंजन में
गतिहीन नहीं कुछ जीवन में,
गति है तो हैं ये प्राण अहो
तुम किस उलझन में ठहरे हो
गतिमान रहो गतिमान रहो.

श्रीकृष्ण शुक्ल, मुरादाबाद

1 Like · 2 Comments · 437 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
अच्छा स्वस्थ स्वच्छ विचार ही आपको आत्मनिर्भर बनाते है।
अच्छा स्वस्थ स्वच्छ विचार ही आपको आत्मनिर्भर बनाते है।
Rj Anand Prajapati
..
..
*प्रणय*
तेरे संग बिताया हर मौसम याद है मुझे
तेरे संग बिताया हर मौसम याद है मुझे
Amulyaa Ratan
झुर्री-झुर्री पर लिखा,
झुर्री-झुर्री पर लिखा,
sushil sarna
ड़ माने कुछ नहीं
ड़ माने कुछ नहीं
Satish Srijan
आख़िरी इश्क़, प्यालों से करने दे साकी-
आख़िरी इश्क़, प्यालों से करने दे साकी-
Shreedhar
ज़िंदा दोस्ती
ज़िंदा दोस्ती
Shyam Sundar Subramanian
जिस अयोध्या नगरी और अयोध्या वासियों को आप अपशब्द बोल रहे हैं
जिस अयोध्या नगरी और अयोध्या वासियों को आप अपशब्द बोल रहे हैं
Rituraj shivem verma
देख इंसान कहाँ खड़ा है तू
देख इंसान कहाँ खड़ा है तू
Adha Deshwal
अच्छा खाना
अच्छा खाना
Dr. Reetesh Kumar Khare डॉ रीतेश कुमार खरे
ना रहीम मानता हूँ मैं, ना ही राम मानता हूँ
ना रहीम मानता हूँ मैं, ना ही राम मानता हूँ
VINOD CHAUHAN
मृतशेष
मृतशेष
AJAY AMITABH SUMAN
*टमाटर (बाल कविता)*
*टमाटर (बाल कविता)*
Ravi Prakash
“जहां गलती ना हो, वहाँ झुको मत
“जहां गलती ना हो, वहाँ झुको मत
शेखर सिंह
अब नये साल में
अब नये साल में
डॉ. शिव लहरी
Ever heard the saying, *
Ever heard the saying, *"You are the average of the five peo
पूर्वार्थ
मैं तो ईमान की तरह मरा हूं कई दफा ,
मैं तो ईमान की तरह मरा हूं कई दफा ,
Manju sagar
इसके जैसा
इसके जैसा
Dr fauzia Naseem shad
प्रेम रंग में रंगी बांसुरी भी सातों राग सुनाती है,
प्रेम रंग में रंगी बांसुरी भी सातों राग सुनाती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
वो अब नहीं आयेगा...
वो अब नहीं आयेगा...
मनोज कर्ण
Feelings of love
Feelings of love
Bidyadhar Mantry
3081.*पूर्णिका*
3081.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ज़िन्दगी थोड़ी भी है और ज्यादा भी ,,
ज़िन्दगी थोड़ी भी है और ज्यादा भी ,,
Neelofar Khan
सहज - असहज
सहज - असहज
Juhi Grover
मेरे चेहरे से ना लगा मेरी उम्र का तकाज़ा,
मेरे चेहरे से ना लगा मेरी उम्र का तकाज़ा,
Ravi Betulwala
"सरताज"
Dr. Kishan tandon kranti
रुत चुनावी आई🙏
रुत चुनावी आई🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
मकर संक्रांति
मकर संक्रांति
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
Dard-e-Madhushala
Dard-e-Madhushala
Tushar Jagawat
प्रजा शक्ति
प्रजा शक्ति
Shashi Mahajan
Loading...