गणेश जी( बाल कविता)
बाल कविताः गणेश जी
(1)
बच्चों देखो यह गणेश जी
प्रथम पूज्य कहलाते
इनका वाहन चूहा है, पर
प्रथम दौड़ में आते ।।
(2)
एक बार थी बहस
प्रथम देवों में कौन कहाए
तय पाया जो चक्कर जग का
प्रथम लगा आ जाए।।
(3)
गणपति जी ने पिता और
माता को शीश झुकाया
अभिनंदन कर की परिक्रमा
जग सारा हर्षाया।।
(4)
सबने कहा पिता माता के
चक्कर सही लगाए
इसका अर्थ यही है
सारा जगत घूम यह आए।।
(5)
गणपति जी ने पिता और
माता का मान बढ़ाया
जग में वे आगे बढ़ते हैं
जिनमें गुण यह आया।।
रचयिता ः रवि प्रकाश, रामपुर