Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Sep 2024 · 1 min read

*गणेश चतुर्थी*

“गणेश चतुर्थी ”

धूप-मन्दिर की चौखट पर, दीपों की जब ज्योति जले,
हर दिशा में गूँज उठे, गणपति बप्पा मोरया के गीत चले।
मूषक सवार, मस्तक पर मुकुट, आशीष का वरदान लिए,
संकट हरने को आए विघ्नहर्ता, हर भक्त के द्वार चले।

मिट्टी की मूरत में बसा है, ब्रह्मांड का सारा सार,
तेरी महिमा में सिमटा है, सृष्टि का अनंत आकार।
तू प्रथम पूज्य, तू ही आधार, हर आरम्भ तुझसे ही हो साकार,
सिद्धि-विनायक, कर दो ऐसा, हर यात्रा हो सफल, हर विचार।।

पुष्पराज फूलदास अनंत

55 Views

You may also like these posts

गर्मी के दिन
गर्मी के दिन
जगदीश शर्मा सहज
* लोकतंत्र महान है *
* लोकतंत्र महान है *
surenderpal vaidya
सियासत जो रियासत खतम करके हम बनाए थे, सियासत से रियासत बनाने
सियासत जो रियासत खतम करके हम बनाए थे, सियासत से रियासत बनाने
Sanjay ' शून्य'
"फर्क"
Dr. Kishan tandon kranti
🌸अनसुनी 🌸
🌸अनसुनी 🌸
Mahima shukla
कहने का फर्क है
कहने का फर्क है
Poonam Sharma
🙅चाहत🙅
🙅चाहत🙅
*प्रणय*
विषय-मानवता ही धर्म।
विषय-मानवता ही धर्म।
Priya princess panwar
दृष्टिबाधित भले हूँ
दृष्टिबाधित भले हूँ
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
रिश्ते कैजुअल इसलिए हो गए है
रिश्ते कैजुअल इसलिए हो गए है
पूर्वार्थ
दोहा छंद
दोहा छंद
Seema Garg
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
माँ का आँचल
माँ का आँचल
Indu Nandal
आइये झांकते हैं कुछ अतीत में
आइये झांकते हैं कुछ अतीत में
Atul "Krishn"
वृंदावन की कुंज गलियां 💐
वृंदावन की कुंज गलियां 💐
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
सुरमाई अंखियाँ नशा बढ़ाए
सुरमाई अंखियाँ नशा बढ़ाए
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
वाह भाई वाह
वाह भाई वाह
Dr Mukesh 'Aseemit'
वज़्न -- 2122 1122 1122 22(112) अर्कान -- फ़ाइलातुन - फ़इलातुन - फ़इलातुन - फ़ैलुन (फ़इलुन) क़ाफ़िया -- [‘आना ' की बंदिश] रदीफ़ -- भी बुरा लगता है
वज़्न -- 2122 1122 1122 22(112) अर्कान -- फ़ाइलातुन - फ़इलातुन - फ़इलातुन - फ़ैलुन (फ़इलुन) क़ाफ़िया -- [‘आना ' की बंदिश] रदीफ़ -- भी बुरा लगता है
Neelam Sharma
थार का सैनिक
थार का सैनिक
Rajdeep Singh Inda
दिल के इक कोने में तुम्हारी यादों को महफूज रक्खा है।
दिल के इक कोने में तुम्हारी यादों को महफूज रक्खा है।
शिव प्रताप लोधी
जब तुम उसको नहीं पसन्द तो
जब तुम उसको नहीं पसन्द तो
gurudeenverma198
कुंडलिया
कुंडलिया
seema sharma
*
*"अवध में राम आये हैं"*
Shashi kala vyas
समुद्र इसलिए खारा क्योंकि वो हमेशा लहराता रहता है यदि वह शां
समुद्र इसलिए खारा क्योंकि वो हमेशा लहराता रहता है यदि वह शां
Rj Anand Prajapati
मैथिली
मैथिली
Acharya Rama Nand Mandal
यूं सरेआम इल्ज़ाम भी लगाए मुझपर,
यूं सरेआम इल्ज़ाम भी लगाए मुझपर,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
एक मौके की तलाश
एक मौके की तलाश
Sonam Puneet Dubey
दिल का तुमसे सवाल
दिल का तुमसे सवाल
Dr fauzia Naseem shad
कोई और नहीं
कोई और नहीं
Anant Yadav
सफ़र ज़िंदगी का आसान कीजिए
सफ़र ज़िंदगी का आसान कीजिए
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
Loading...