गणेश चतुर्थी
पावन गणेश चतुर्दशी, गणपति उपासना आज।
मनोकामना पूर्ण कर, मंगल करते काज ।
पुत्र स्नेह सबको मिले ,हे! गणपति आराध्य।
शिव- शिवा दोनों भजें, हे !गणपति महाराज।
सकट चतुर्थी के दिवस, पुत्र मिलन की आस।
जो गणपति पूजन करे, पूर्ण करते काज।
चौपड़ खेले शिव शिवा, मंगल मय अहसास।
पढ़ते हैं सब व्रत कथा, करते शुभ व्रत आज।
माता रूठे पुत्र से, दे कर के अभिशाप।
पुत्र करो आराधना ,गणपति जो आराध्य।
गणपति की आराधना कर फलित हुआ आदेश।
मिलन हुआ अब पुत्र का, धन्य धन्य स्वदेश।
डा.प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम