गणपति
रिद्धि सिद्धि स्वामी सुनो भरिय सुख संसार।
मात-पिता पूजन प्रथम,सुजन हृदय उद्गार ।
श्वास समर्पित आपको ,श्रीगणपति जी महाराज,
शत शत वंदन आपको, हों पूरण तुमसे सब काज।
विघ्ननिवारक ऐश्वर्यदाता गणेश्वर गणों के स्वामी।
गणक्रीड,महागणपति,विश्वकर्ता,सब जग त्वं नमामी।
विश्वमुख,दुर्जय,अजेय,धूर्जय,तारकस्थ जय-जय,सुरुप।
सर्वनेत्राधिवास,वीरासनाश्रय, सुयोगाधिप देवों के भूप।
योग के अधिष्ठाता,गजकर्णक,यज्ञकाय,चित्रांग,दीप्तिमान।
श्यामदशन,भालचन्द्र,अक्षमालाधर,विजयावहज्ञानमुद्रावान्
लड्डुकप्रिय कीर्तिद नाम-स्मरण से होते काम संपन्न
सत्यसंकल्प,सौभाग्यवर्धन प्रभु करते विवेक उत्पन्न ।
शोकहारी,भक्तिसुलभ,याज्ञिक का धर नीलम तू ध्यान,
याजकप्रिय,त्रिवर्गफलदायक हैं सहस्त्रपात भगवान।
नीलम शर्मा