*गणपति जी को शीश नवाते (बाल कविता)*
गणपति जी को शीश नवाते (बाल कविता)
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सुबह – सुबह रिक्शा वाले ने
घंटी एक बजाई
बोला ” अब स्कूल चलो
जल्दी से रिक्शा आई”
बच्चे बोले ” पॉंच मिनट बस रुको
अभी हम आते
मन्दिर में हम जाकर
गणपति जी को शीश नवाते”
शीश नवाया जब गणेश जी को
गणेश जी बोले
“मैं भी भोला प्यारे बच्चों
तुम भी बेहद भोले
पाँच दिवस मैं अतिथि तुम्हारा
तुम आना रोजाना
तुमसे मिलकर अच्छा लगता
मुझे भूल मत जाना।”
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रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा
रामपुर उत्तर प्रदेश मोबाइल 99976 15451