गणपति आन विराजो मन में
गणपति आन विराजो मन में
गणपति बैठो मन मंदिर में
गणपति आन विराजो मन में
हृदय द्वार है सूना सूना, दुश्कर है दुनिया में जीना
प्रभु आन बसो जीवन में, गणपति आन विराजो मन में
काम क्रोध मद लोभ सताए
पल भर भी मन चैन ना पाए
मन जलता तेज अगन में, गणपति आन विराजो मन में
रिद्धि सिद्धि संग आन विराजो
जीवन का शुभ लाभ संवारो, मन भटके न व्यसन में
गणपति आन विराजो मन में
मेरा नर तन व्यर्थ न जाए, मंगल मन का भी हो जाए
मन कर दो इसी जतन में, गणपति आन विराजो मन में
गणपति बैठो मन मंदिर में
सुरेश कुमार चतुर्वेदी