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26 Jan 2022 · 1 min read

गणतंत्र दिवस?

आज छब्बीस जनवरी सन् उन्नीस सौ सैंतालीस को हमारा देश आजाद हुआ था। लेकिन आज तक हम पूरी तरह से स्वत्रंत नही हो पाये है।चंद मुठ्ठी लोग ही स्वत्रंत हुये है।वो जो चाहे वो कर सकते हैं।आज इस समय शासन के ठेकेदार गांव-गांव जाकर देख सकते हैं।कि स्वत्रंता और परतंत्रता की परिभाषा नजर आ जायेगी। और खास बात ये है कि,जिन गरीबों को जो मिलना चाहिए था।वह पेसो वालों के हाथ में चला जाता है।आज गरीब आदमी की सुनने वाला भी कोई नही है।आज न्याय उससे बहुत दूर होता चला जा रहा है!वह अपने पेट से लड़ें या इस अव्यवस्था से! उसके पास किसी भी प्रकार की कोई सपोट नहीं होती है। जिससे वह अपना अधिकार मांग सकें।

Language: Hindi
Tag: लेख
1 Like · 1 Comment · 380 Views
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