Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Feb 2021 · 1 min read

गणतंत्र दिवस की बधाई !!

गणतंत्र दिवस की बधाई।।

कहा जाता है,” हम सब एक हैं”।
कहा जाता है,” हम सब एक हैं”।

फिर उस खुदा तक जाने के क्यों रास्ते अनेक हैं ????

क्यों मंदिर ,क्यों मस्जिद, क्यों गिरजा, क्यों गुरुद्वारा

यदि सभी धर्मों का मकसद एक हैं ………

यदि! हम सब एक है तो सरहदे क्यों अनेक है ??

क्यों! कोरोना ने हम सब को डराया ?

क्यों! हम मनुष्यों का धर्म उससे समझ में नहीं आया ??

क्यों! उसने भी देश के राजनेताओं की तरह किसी एक पक्ष को अपना गुलाम नहीं बनाया।

कोरोना ने हम सब को “एक लकड़ी से हाँका “।

कोरोना ने हम सब को “एक लकड़ी से हाँका “।

धर्म की दीवारें खड़ी करने वाले भी°°°°

धर्म की दीवारें खड़ी करने वाले भी°°°°

उसका कर न सके” एक बाल भी बाँका”।

कब तक होती रहेगी……………
देश की सरहदों से सिपाहियों की विदाई ??
कब तक सूनी होती रहेगी………….. किसी सुहागन की कलाई ??

गुरुपूरब, होली, ईद, क्रिसमस मनाकर भी……………. यह यह बात किसी को समझ में नहीं आई।
क्यों होती है जंगे ??
क्यों झुकाए जाते हैं तिरंगे ??

इंसान को इंसानियत में क्यों दिखती नहीं दिखती सब की भलाई ।।

चलो जाने दो,

इस स्वतंत्र भारत में आप सभी को गणतंत्र दिवस की बधाई।।

Language: Hindi
3 Likes · 278 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Rajni kapoor
View all
You may also like:
*ख़ुशी की बछिया* ( 15 of 25 )
*ख़ुशी की बछिया* ( 15 of 25 )
Kshma Urmila
जिंदगी कुछ और है, हम समझे कुछ और ।
जिंदगी कुछ और है, हम समझे कुछ और ।
sushil sarna
जीवन और जिंदगी में लकड़ियां ही
जीवन और जिंदगी में लकड़ियां ही
Neeraj Agarwal
ये आकांक्षाओं की श्रृंखला।
ये आकांक्षाओं की श्रृंखला।
Manisha Manjari
अलाव की गर्माहट
अलाव की गर्माहट
Arvina
!! युवा !!
!! युवा !!
Akash Yadav
ये मन तुझसे गुजारिश है, मत कर किसी को याद इतना
ये मन तुझसे गुजारिश है, मत कर किसी को याद इतना
$úDhÁ MãÚ₹Yá
वक़्त को वक़्त
वक़्त को वक़्त
Dr fauzia Naseem shad
एक generation अपने वक्त और हालात के अनुभव
एक generation अपने वक्त और हालात के अनुभव
पूर्वार्थ
राह कठिन है राम महल की,
राह कठिन है राम महल की,
Satish Srijan
* मुक्तक *
* मुक्तक *
surenderpal vaidya
मां बाप
मां बाप
Mukesh Kumar Sonkar
दो शे'र
दो शे'र
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
नजर से मिली नजर....
नजर से मिली नजर....
Harminder Kaur
जब जब ……
जब जब ……
Rekha Drolia
अन्त हुआ आतंक का,
अन्त हुआ आतंक का,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
डिजिटलीकरण
डिजिटलीकरण
Seema gupta,Alwar
वेलेंटाइन डे एक व्यवसाय है जिस दिन होटल और बॉटल( शराब) नशा औ
वेलेंटाइन डे एक व्यवसाय है जिस दिन होटल और बॉटल( शराब) नशा औ
Rj Anand Prajapati
■एक टिकट : सौ निकट■
■एक टिकट : सौ निकट■
*Author प्रणय प्रभात*
ढूॅ॑ढा बहुत हमने तो पर भगवान खो गए
ढूॅ॑ढा बहुत हमने तो पर भगवान खो गए
VINOD CHAUHAN
Shayari
Shayari
Sahil Ahmad
आजकल रिश्तें और मक्कारी एक ही नाम है।
आजकल रिश्तें और मक्कारी एक ही नाम है।
Priya princess panwar
*भले प्रतिकूल हो मौसम, मगर हँसकर उसे सहना 【मुक्तक】*
*भले प्रतिकूल हो मौसम, मगर हँसकर उसे सहना 【मुक्तक】*
Ravi Prakash
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
Second Chance
Second Chance
Pooja Singh
गीत.......✍️
गीत.......✍️
SZUBAIR KHAN KHAN
नाथ शरण तुम राखिए,तुम ही प्राण आधार
नाथ शरण तुम राखिए,तुम ही प्राण आधार
कृष्णकांत गुर्जर
भावात्मक
भावात्मक
Surya Barman
एक
एक
हिमांशु Kulshrestha
मतलबी किरदार
मतलबी किरदार
Aman Kumar Holy
Loading...