गड़बड़ करने लग गये
कुंडलिया छंद… (हास्य व्यंग्य)
गड़बड़ करने लग गये, लोटन कुर्सी बैठ।
अन्दर- बाहर है बनी, उनकी गहरी पैठ।।
उनकी गहरी पैठ, दाम निर्भय हो लेते।
कहते सबसे साफ, इसे ऊपर तक देते।।
आदत हुई खराब, रोज करते हैं बड़बड़।
लोटन हुए प्रसिद्ध, नाम लोगों में गड़बड़।। 386
डाॅ. राजेन्द्र सिंह ‘राही’
(बस्ती उ. प्र.)