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2 Mar 2021 · 1 min read

गड़बड़झाला

सबकुछ है गड़बड़झाला, फिर भी ! तू मतबाला। इनाम और पुस्तकालयों की ! पहनता फिरता है माला । चोरों की इस दुनिया का बना हुआ है आला! सबकुछ है गड़बड़झाला,।रोक सके तो रोक ! हैं कोई हिम्मत वाला। सबकुछ है गड़बड़झाला !

Language: Hindi
2 Likes · 3 Comments · 293 Views
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