गड़बड़झाला
सबकुछ है गड़बड़झाला, फिर भी ! तू मतबाला। इनाम और पुस्तकालयों की ! पहनता फिरता है माला । चोरों की इस दुनिया का बना हुआ है आला! सबकुछ है गड़बड़झाला,।रोक सके तो रोक ! हैं कोई हिम्मत वाला। सबकुछ है गड़बड़झाला !
सबकुछ है गड़बड़झाला, फिर भी ! तू मतबाला। इनाम और पुस्तकालयों की ! पहनता फिरता है माला । चोरों की इस दुनिया का बना हुआ है आला! सबकुछ है गड़बड़झाला,।रोक सके तो रोक ! हैं कोई हिम्मत वाला। सबकुछ है गड़बड़झाला !