गज़ल
2122 1212 22
आज ये दिल उदास सा क्यों है।
झुक रहा इतना आसमा क्यों है।।
हम नहीं खुश नसीब थे इतने।
मुझ पे वो इतना मेहरबां क्यों है।।
रात बुलबुल की कट गई रोकर।
पूछते सब हैं ये हुआ क्यों है।।
कट गया बस कयास में जीवन।
हम नहीं समझे वो खफा क्यों है।।
बात “पूनम”की तुम जरा सुन लो।
चांद नभ से हुआ जुदा क्यों है।।
जय प्रकाश श्रीवास्तव ” पूनम”