गज़ल
मत बहाओ आँसू बेदर्द जमाना है| ..
यहाँ बेवजह आप का आँसू बहाना है
पत्थर बन गये हैं दिल
सबका यही फसाना है |
भावनायें हो गयीं खत्म
गम पीकर मुस्कराना है |
जीवन नाम चलने का
नहीं रूककर हार जाना है |
खुशियाँ बाँटना है हमको
गमों को गले लगाना है |
दिल पत्थर बन गये तो क्या
हमें उनको पिघलाना है |
जीना है ज़िन्दगी रागिनी
अब आँसू छुपाना है
रागिनी गर्ग